शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2010

टाटा की राह चले बॉलीबुड

सस्ती लोक प्रियता पाने के लिए शिवसेना प्रमुख या उनके उत्तराधिकारी हमेशा उल्टे सीधे बयान देकर सुर्खियों में बने रहते है। शिवसेना कभी पाकिस्तान क्रिकेट टीम का विरोध कर खेलप्रेमियों को आघात पहुंचाती है तो कभी बॉलीबुड में रिलीज होने वाली फिल्म को निशाना बनाते रहे हैं, लेकिन अब तो शिवसेना प्रमुख बालठाकरे और उनके पुत्र उद्धव ठाकरे के साथ उनके भतीजे राज ठाकरे जो महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख हैं ने सारी हदें तोड़ कर महाराष्ट्र को मराठी के नाम पर पूरे देश में बदनाम कर दिया है। यहां कभी बिहारियों के साथ मारपीट होती है तो कभी उत्तर भारतीय के साथ। अब बालीबुड को चाहिए कि वह रतनटाटा की राह पर चलकर शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार को सबक सिखाएं।
अभी हाल ही की बात करें तो शिवसेना में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को निशाने पर लेकर मुम्बई में न घुसने की चेतावनी दे डाली थी। लेकिन राहुल गांधी ने मुम्बई आकर शिवसेना के मिथक को तोड़ दिया। और उन्होंने मुम्बई में लोकल टे्रन का सफर कर यह दिखा दिया कि मुम्बई किसी जागीर नहीं है।
राहुल मुम्बई आए और चले गए पर शिवसैनिक कुछ न कर सके। तो उन्होंने फिल्म अभिनेता शाहरूख खान को निशाने पर ले लिया और उनकी फिल्म माय नेम इज खान को मुम्बई में रिलीज नहीं करने की चेतावनी फिल्म जगत को दे डाली। महाराष्ट्र सरकार को शाहरूख की फिल्म को रिलीज कराने के लिए शुक्रवार को काफी पुलिसबल तैनात करना पड़ा।
बालीबुड ने हीे मुम्बई को दुनियाभर में पहचान दिलाई है यदि बालीबुड मुम्बई से पलायन कर जाएगा, तो मुम्बई की क्या स्थिति होगी सभी जानते है।शिवसेना द्वारा आए दिन बालीबुड के लोगों को धमकियां दी जाती है जिससे शिवसेना सुर्खियों में आ जाती है।
अब बालीबुड को चाहिए कि नैनो कार के निर्माता रतन टाटा की राह पर चलकर वह शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार को यह चेतावनी दे कि अगर शिवसेना ने बालीबुड (फिल्म अभिनेता, निर्माता, निर्देशक व सिनेमाघर संचालकों ) को ज्यादा परेशान किया तो बालीबुड मुम्बई से पलायन कर देश के किसी भी प्रदेश में अपनी फिल्म दुनिया बसा लेगा। फिर शिवसेना मुम्बई में चलाती रहे अपना मराठी कार्ड।
संदर्भ: रतन टाटा ने ममता बनर्जी की धमकी से तंग आकर अपनी लोकप्रिय कार नैनो का कारखाना पश्चिम बंगाल से गुजरात शिफ्ट कर दिया था। जिससे ममता बनर्जी की छवि देशभर में खराब हुई थी।