एक समय था जब कंप्यूटर को लोग हाथ लगाने से भी डरते थे, तब जो कंप्यूटर के जानकार हुआ करते थे वह कहते है इसे छूना नहीं इसमें वायरस आ जाएगा।
भई यह वायरस क्या है पहले हम नहीं जानते थे, हम तो यह समझते थे कि वायरस कोई कीड़ा होगा, जो कंप्यूटर में घुसकर उसे खराब कर देता है। जैसे-जैसे हमें कंप्यूटर पर काम करने के अवसर मिला वायरस के बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी हो गई। आईटी कंपनियों ने वायरस से निपटने के लिए कई एंटी वायरस ईजाद कर दिए, जिन्हें कंप्यूटर में लोड कर दिया जाता है। वह समय-समय पर कंप्यूटर में आने वाले वायरस को हटा देते है और कंप्यूटर खराब होने से बच जाता है।अब हम बात करेंगे उन वायरसों की जो सरकारी और गैरसरकारी तंत्र में इस तरह घुस गए हैं जिन्हें हटाने के अभी तक कोई एंटी वायरस इजाद नहीं किया जा सका है। सरकारी महकमे में पदस्थ अधिकारी हो या कर्मचारी अपने आप को सरकार का दामाद समझता है, उसका उद्देश्य रहता है कि बस पैसा बनाओ और लोगों को घुमाओ।
...और कर भी क्या सकते हैं काम तो आता ही नहीं है तो करेंगे कैसे ? बस ईमानदारी को चोला पहनकर करोड़ों की संपति बना लेते हैं। जब चोरी पकड़ में आती है तो मुंह छिपाते फिर है।
एक समय था जब प्राइवेट सेक्टर इन वायरसों से अछूता था, जो व्यक्ति प्राइवेट सेक्टर में काम करता था, उससे पूरा आउटपुट लिया जाता था। इसके बावजूद उसे उसकी मेहनत के अनुसार वेतन भी नहीं मिल पा रहा था। लेकिन अब प्राइवेट सेक्टरों का भी सरकारीकरण होता जा रहा है। ,
हम केवल नेशनल और मल्टीनेशनल कंपनियों की बात कर रहे है। जिन कंपनी डायरेक्टरों ने अपने संस्थान अपने भरोसेमंद लोगों की देखरेख में छोड़ रखे है,लेकिन कुछ अपवादों को छोड़कर उन भरोसेमंद लोगों की अनदेखी के चलते इन सेक्टरों में भी ऐसे लोग (वायरस) खूब चांदी काट रहे है जिन्हें सिफारिश के बल पर बड़े-बड़े पैकेज पर वह नौकरियां मिल गई हंै,जिनके वह काबिल (वायरस) नहीं है। ऐसे लोगों की मॉनीटरिंग करने के लिए भी कोई मापदंड नहीं बनाए जाते है। जिससे उन पर काम करने (समय सीमा में) का दबाव बनाया जा सके या उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
4 टिप्पणियां:
kya khoob taalmel kiya
Swagat hai!
ye nahi hatenge bade theet hote hai yei..........viruse
अच्छी लगी आपकी रचना .. इस नए चिट्ठे के साथ हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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